अर्पिता मुखर्जी चला रही थीं 12 फर्जी कंपनियां, ED की पूछताछ में हुए कई बड़े खुलासे

ईडी के एक सीनियर अधिकारी ने बताया है कि बंगाल के स्कूल जॉब स्कैम की शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि अर्पिता मुखर्जी जो बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी की नजदीकी सहयोगी हैं, 12 फर्जी कंपनियां चला रही थीं। ईडी के आधिकारी के अनुसार ऐसी कंपनियों से जुड़े दस्तावेज जांच एजेंसी ने शनिवार की शाम अर्पिता मुखर्जी के जोका फ्लैट में छापेमारी के दौरान बरामद किए हैं।

उनके अनुसार ईडी को शक है कि इस मामले में ओडिशा और तमिलनाडु के कुछ कम जानेमाने लोग भी शामिल हो सकते हैं। आपको बता दें कि अर्पिता मुखर्जी कुछ बांग्ला और उड़िया फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं। ईडी के अधिकारी ने बताया है कि हमें अर्पिता के जोका फ्लैट पर जो दस्तावेज मिले हैं, उनसे पता चलता है कि वह आर्थिक गड़बड़ी को अंजाम देने के लिए कई फर्जी कंपनियां चला रही थीं।

हमारे पास 12 ऐसी कंपनियों के दस्तावेज हैं। उन्होंने कहा, “ मामले में ओडिशा और तमिलनाडु के कुछ लोगों की संलिप्तता हो सकती है, जिनके बारे में हमारा मानना है कि उन्होंने इस मामले में पैसों का लेन-देन किया। ईडी की ओर से बताया गया कि वह ओडिशा और तमिलनाडु के कुछ लोगों पर नजर बनाए हुए है और जल्द ही उन्हें जांच के दायरे में लाया जाएगा।

ईडी के अधिकारी ने कहा, “हम इस बात का पता लगाने की भी कोशिश कर रहे हैं कि क्या अर्पिता ने किसी फिल्म प्रोडक्शन हाउस में निवेश किया है? हमारे पास कई दस्तावेज, फाइल और हस्ताक्षर किए हुए कागजात हैं जो इस बात की ओर इशारा करते हैं।” आपको बता दें कि सिटी कोर्ट ने रविवार को एसएससी स्कैम मामले में अर्पिता मुखर्जी को एक दिन की ईडी की हिरासत में भेज दिया। उससे पहले ईडी ने अर्पिता को एक लंबी पूछताछ के बाद उनके घर से गिरफ्तार किया था। उनके घर से ईडी ने करोड़ों रुपये नकद और कई अहम दस्तावेज भी बरामद किए।

बतादें कि प्रवर्तन निदेशालय ED ने अर्पिता मुखर्जी के घर से 20 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की थी। प्रवर्तन निदेशालय की ओर से आज बयान जारी कर कहा गया है कि उसने कथित शिक्षक भर्ती घोटाले में पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी की एक करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के परिसरों पर छापेमारी में 20 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है।

बतादें कि कोलकाता हाईकोर्ट ने हाल ही में कई रिट याचिकाओं में सीबीआई को ग्रुप ‘सी’ और ‘डी’ कर्मचारियों, कक्षा 9वीं से 12वीं के सहायक शिक्षकों और प्राइमरी टीचर की भर्ती घोटाले की जांच करने का आदेश दिया था। तभी से प्रवर्तन निदेशालय पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड में भर्ती घोटाले से जुड़े विभिन्न परिसरों में तलाशी अभियान चला रहा है।